करेला के फायदे-Use of bitter melon, bitter gourd or bitter squash

करेले का स्वाद भले ही कड़वा होलेकिन सेहत के लिहाज से यह बहुत फायदेमंद होता है। करेले में अन्य सब्जी या फल की तुलना में ज्यादा औषधीय गुण पाये जाते हैं। करेला खुश्क तासीर वाली सब्जी है। यह खाने के बाद आसानी से पच जाता है।
करेले में फास्फोरस पाया जाता है जिससे कफ की शिकायत दूर होती है। करेले में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस और विटामिन पाया जाता है। आइए हम आपको कडवे करेले के गुणों के बारे में बताते हैं।

करेला खाने के लाभ -

कफ की शिकायत होने पर करेले का सेवन करना चाहिए। करेले में फास्फोरस होता है जिसके कारण कफ की शिकायत दूर होती है। 

करेला हमारी पाचन शक्ति को बढाता है जिसके कारण भूख बढती है। करेले ठंडा होता हैइसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद है। 

दमा होने पर बिना मसाले की छौंकी हुई करेले की सब्जी खाने से फायदा होता है। 

लकवे के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए लकवे के मरीज को कच्चा करेला खाना चाहिए।

उल्टी-दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिलाकर सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है। 

लीवर से संबंधित बीमारियों के लिए तो करेला रामबाण औषधि है। जलोदर रोग होने पर आधा कप पानी में 2 चम्मच करेले का रस मिलाकर ठीक होने तक रोजाना तीन-चार बार सेवन करने से फायदा होता है। 

पीलिया के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। पीलिया के मरीजों को पानी में करेला पीसकर खाना चाहिए। 

डायबिटीज के लिए करेला रामबाण इलाज है। करेला खाने से शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। 

करेला खून साफ करता है। करेला खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। 

बवासीर होने पर एक चम्मच करेले के रस में आधा चम्मच शक्कर मिलाकर एक महीने तक प्रयोग करने से बवासीर की शिकायत समाप्त हो जाती है।  

गठिया रोग होने पर या हाथ-पैर में जलन होने पर करेले के रस से मालिश करना चाहिए। इससे गठिया के रोगी को फायदा होगा।  

दमा होने पर बिना मसाले की करेले की सब्जी खाना चाहिए। इससे दमा रोग में फायदा होगा। 

उल्टीदस्त और हैजा होने पर करेले के रस में थोडा पानी और काला नमक डालकर पीने से फायदा होता है। 

करेले के रस को नींबू के रस के साथ पानी में मिलाकर पीने से वजन कम किया जा सकता है।